1400 करोड़ की आउटर रिंग रोड से शहर की सड़कों को सुनियोजित ढंग से जोड़ा जाये: महाराज
देहरादून। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड में सड़क निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रमुख परियोजनाएं, चारधाम परियोजना, कैलाश मानसरोवर परियोजना, सीमान्त क्षेत्र में सामरिक महत्व के राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्गों में भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार कार्य, केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि के अंतर्गत कार्य, सेतु बंधन को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया(roads should be connected in a planned manner)।
प्रदेश लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को सुभाष रोड स्थित अपने कैंप कार्यालय(roads should be connected in a planned manner) पर राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड में सड़क निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रमुख परियोजनाएं, चारधाम परियोजना, कैलाश मानसरोवर परियोजना, सीमान्त क्षेत्र में सामरिक महत्व के राष्ट्रीय राजमार्ग, दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्गों में भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार कार्य, केन्द्रीय सड़क अवसंरचना निधि के अंतर्गत कार्य, सेतु बंधन को लेकर एक बैठक का आयोजन किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एडीबी द्वारा वित्त पोषित देहरादून में 1400 करोड़ की लागत से बनने वाली आउटर रिंग रोड से शहर की जिन सड़कों को जोड़ना है उनका कार्य सुनियोजित ढंग से एवं तत्परता से किया जाए, क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक बसों को चलाए जाने का भी व्यवस्था का प्राविधान है। लोक निर्माण मंत्री महाराज ने कहा कि लोनिवि एवं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से कहा कि शहर में सड़कें ऊपर हैं और नालियां नीचे हो गई हैं जिसके कारण अक्सर ट्रैफिक बाधित हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर जहां-जहां कमी है उनको तत्काल दूर किया जाए।
उन्होंने बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों(roads should be connected in a planned manner) के साथ वैकल्पिक मार्गों यथा घनसाली से घुत्तु-पवालीकांठा त्रिजुगीनारायण, कालीमठ-चौमासी होते हुए सोनप्रयाग, सोनप्रयाग में लोकल सर्किट मार्ग का निर्माण किए जाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए। इसके साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्गों में स्थित पुराने सेतुओं के स्थान पर अधिक भार वहन क्षमता के सेतु निर्माण हेतु कहा गया। चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में लगने वाले जाम से निजात दिलाए जाने हेतु लो0नि0वि0 राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा ऋषिकेश बाईपास के निर्माण हेतु कार्यवाही करने को कहा गया।
लोनिवि मंत्री महाराज ने यमुनोत्री मार्ग में ओजरी टनल के निर्माण हेतु कार्यवाही किए जाने हेतु भी निर्देशित किया। ताकि यमुनोत्री धाम की यात्रा सुगम हो सके। सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में पालीगाढ़ से जानकीचट्टी, रूद्रप्रयाग- गौरीकुण्ड राष्ट्रीय राजमार्ग में अगस्त्यमुनि बाईपास, कुण्ड बाईपास के निर्माण हेतु उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा अपनी स्वीकृति दे दी गयी है तथा इसी प्रकार ऋषिकेश बाईपास, चम्पावत बाईपास, के निर्माण हेतु ओवर साइट कमेटी द्वारा अपनी सहमति दे दी गयी है।
अब इन मार्गों का निर्माण(roads should be connected in a planned manner) करते हुए चारधाम एवं चीन सीमा तक वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से हो सकेगा। सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार के अधिकारियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि दुगड्डा से गुमखाल तक राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण हेतु डी0पी0आर0 का गठन किया जा रहा है ताकि कोटद्वार से पौड़ी होते हुए चारधाम जाने वाले यातायात को सुविधा हो सके।
राष्ट्रीय राजमार्गों में रोड सेफ्टी के अंतर्गत छूटे हुए भागों में क्रेश बैरियर लगाये जाने हेतु भी निर्देश दिए गए। बैठक में लो0नि0वि0 विभागाध्यक्ष डी0के0यादव, मुख्य अभियन्ता, सड़क परिवहन भारत सरकार डी0के0शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग, मुख्य अभियन्ता, राष्ट्रीय राजमार्ग, दयानन्द, विशाल गुप्ता,स्मार्ट सिटी के अधिकारी अनिल पांगती, अधीक्षण अभियंता गिरीश पुंडीर, प्रवीण कुश आदि उपस्थित थे।