67 हजार प्रसूताओं ने उठाया खुशियों की सवारी का लाभ, बढ़ेगा दायरा
देहरादून : सूबे में खुशियों की सवारी योजना का गर्भवती महिलाओं(Khushiyon Ki Sawari) के लिये किसी वरदान से कम नहीं है। इस निःशुल्क योजना के तहत प्रदेश में अबतक कुल 67189 प्रसूताओं को अस्पताल से उनके गंतव्य तक सकुशल पहुंचाया गया है। इसके साथ ही 20 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को विभिन्न अस्पतालों में अल्ट्रासाउण्ड टेस्ट कराने हेतु लाया और ले जाया गया। खुशियों की सवारी योजना के तहत प्रत्येक ब्लॉक में वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि गर्भवती महिलाओं को और सुविधाएं मिल सके इसके लिये सभी जनपदों के सीएमओ को आवश्यकता अनुसार वाहनों की मांग करने के निर्देश दे दिये हैं।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुढृ़ढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण का लाभ लोगों को बखूबी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित खुशियों की सवारी (Khushiyon Ki Sawari) योजना इसका जीवंत उदाहरण है। भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस निःशुल्क योजना के तहत अबतक प्रदेश में 67189 प्रसूताओं को विभिन्न राजकीय चिकित्सालयों से उनके गंतव्य तक सकुशल पहुंचाया गया है।
जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 55,833 प्रसूता तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष में अबतक 11,356 गर्भवती महिला शामिल हैं। इसके अलावा खुशियों के सवारी के माध्यम से कुल 20 हजार गर्भवतियों को अल्ट्रासाउंड परीक्षण के लिये विभिन्न अस्पतालों में लाया और ले जाया गया। जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 13,955 तथा वर्तमान वर्ष में 6,299 गर्भवती महिला शामिल हैं। इसके साथ ही 3,176 बीमार शिशुओं को भी इस योजना के तहत अस्पताल आया और ले जाया गया। जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2821 तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 355 बीमार शिशु शामिल हैं।
डॉ. रावत ने बताया कि खुशियों की सवारी योजना(Khushiyon Ki Sawari) पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं के लिये काफी फायदेमंद साबित हो रही है। पहले गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन ‘खुशियों की सवारी’ योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव, अल्ट्रासाउंड टेस्ट और टीकाकरण के लिए अस्पताल पहुंचने में काफी मदद मिल रही है। जिसको देखते हुये प्रदेश में जल्द खुशियों की सवारी का दायरा बढ़ाया जायेगा। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को आवश्यकता के अनुरूप स्वास्थ्य निदेशालय को और वाहन की डिमांड भेजने के निर्देश दे दिये गये हैं।