हाउती विद्रोहियों का दावा- इजरायल पर हाइपरसोनिक मिसाइल से किया हमला
यमन के हाउती विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने हाइपरसोनिक मिसाइल (hypersonic missile) से हमला कर इजरायल के मध्य में स्थित महत्वपूर्ण स्थल को निशाना बनाया है। जबकि इजरायली सेना ने कहा है कि यमन से आ रही मिसाइल को देश की सीमा के बाहर ही नष्ट कर दिया गया है।
हाउती विद्रोही गाजा के हमास लड़ाकों के समर्थन में 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन के हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं हाउती विद्रोहियों ने लाल सागर से जहाजों का आवागमन भी बाधित कर रखा है। इस बीच गाजा में इजरायली सेना के ताजा हमलों में 15 लोग मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने बंद किया कामकाज
गाजा में मुश्किलों से जूझ रहे फलस्तीनियों के लिए रविवार का दिन एक और बुरा संदेश लेकर आया। रविवार को खाद्य सामग्री के वितरण से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने अपना कामकाज बंद करने की घोषणा की। उसने यह निर्णय गाजा सीमा पर हथियारबंद लोगों द्वारा खाद्य सामग्री के पैकेट लूटे जाने की घटना के बाद लिया।
हमास ने बंधकों का वीडियो जारी किया
हमास ने अमेरिकी-इजरायली नागरिक बंधकों का साढ़े तीन मिनट का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में बंधक निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जल्द रिहा कराने की अपील करते सुनाई दे रहे हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे हमास का मनोवैज्ञानिक युद्ध लड़ने का क्रूर तरीका बताया है। इससे वह बंधकों के परिवारों को विचलित करना चाहता है। हमास लड़ाकों ने सात अक्टूबर, 2023 को इजरायली शहरों पर हमला कर वहां से 250 से ज्यादा लोगों को अगवा किया था, उन्हीं में ये लोग भी थे।
लेबनान के गांव पर इजरायल का हमला
उधर, इजरायली एयरफोर्स ने रविवार को दक्षिणी लेबनान के सीमावर्ती गांव पर हवाई हमलों को अंजाम दिया। यारून गांव में हमले पर इजरायली सेना और हिजबुल्लाह ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की। इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के दर्जनों गांवों के लोगों से वापस न लौटने को कहा है। इस बीच सीरिया के मौजूदा घटनाक्रम पर भी इजरायल की नजर है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल सीरिया के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि हम इजरायल के महत्वपूर्ण हितों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
सीरिया के शहर अलेप्पो में विद्रोह शुरू हो चुका है। विद्रोही गुट के अलेप्पो पहुंचने के बाद संघर्ष तेज हो गया है। रूस की सेना को भी बमबारी करनी पड़ी है। आईएसआई संकट के बाद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के सामने विद्रोहियों ने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।