Uttarakhand

महिलाओं के नाम पर होगी गांवों में पीएम आवास योजना के घरों की रजिस्ट्री

महिलाओं के नाम पर होगी गांवों में पीएम आवास योजना के घरों की रजिस्ट्री

महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में महिलाओं को ही घर के स्वामित्व का अधिकार देने का फैसला किया है।

योजना के इस प्रावधान का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा

ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आवास योजना के इस प्रावधान का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा कि घरों का पंजीकरण लाभार्थी परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही हो। योजना में घरों के पंजीकरण के लिए दो विकल्प होंगे-संयुक्त या फिर केवल घर की महिला के नाम पर। केवल पुरुषों के नाम अब पंजीकरण न करने का फैसला किया गया है।

पीएम आवास योजना को लेकर सरकार का बड़ा कदम

अधिकारी के अनुसार यह महिलाओं पर सबसे अधिक ध्यान देने का ही नतीजा है कि पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में लगभग 75 प्रतिशत घरों का स्वामित्व या तो अकेले महिलाओं के नाम पर है या फिर उन्हें शामिल करते हुए संयुक्त रूप से। यह बड़ी उपलब्धि है। दूसरे चरण में यह आंकड़ा सौ प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

पीएम आवास योजना (ग्रामीण) ने बुधवार को आठ वर्ष पूरे कर लिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत 2016 में आगरा में की थी। दूसरे चरण के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत आवास प्लस-2024 सर्वे लांच किया गया है ताकि लाभार्थियों की पहचान की जा सके।मंत्रालय उन शिकायतों को दूर करने की कोशिश में जुट गया है, जिनमें यह आरोप लगाया जाता है कि सर्वे के दौरान किसी को जानबूझकर लाभार्थियों की सूची में शामिल नहीं किया गया। इसे रोकने के लिए अब ग्रामीण घरों को सेल्फ सर्वे की सुविधा दी गई है। इसके तहत योजना का लाभ लेने का इच्छुक व्यक्ति अपनी फोटो के साथ एप पर खुद ही आवेदन कर सकेगा।

दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ पीएम आवास बनाए जाने हैं

सर्वे में दस बिंदु होंगे जिनके आधार पर पात्र लाभार्थियों का चयन होगा। दूसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ पीएम आवास बनाए जाने हैं। सरकार के पास 1.20 करोड़ लाभार्थियों की सूची है। सर्वे के आधार पर 80 लाख और लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। मूल सूची 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना के आधार पर बनाई गई है। इसके बाद इसे आवास प्लस सर्वे 2018 से अपडेट किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button